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#कश, कशिश और कश्मकश का शायर : रघुपति सहाय ‘फ़िराक’
#सियासत और सिनेमा के ध्यान से गायब ‘ध्यानचंद’
#स्त्री के धन्यवाद का पर्व – होली
#कोरोना : महामारी पर तय हो विश्व बिरादरी की जिम्मेदारी
#रक्षाबंधन : दर्पण में परंपराओं के प्रतिबिंब दिखाता पर्व
#ये वनवास बहुत लंबा था
#ये आज़ादी…कोरोना के साथ भी, कोरोना के बाद भी
#दिलों का अज़ीज़, लहजे का लज़ीज़ और वक़्त का जदीद शायर : राहुल अवस्थी
#… सुमिरो पवन कुमार
#चौथा खंभा : संपादकीय ‘शीर्षासन’
Archive for August, 2020
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- अभिनव 'अभिन्न'
- August 15, 2020
ये आज़ादी…कोरोना के साथ भी, कोरोना के बाद भी
आज देश के नागरिक अपनी स्वतंत्रता की 73वीं वर्षगांठ मना रहे हैं। इतने सालों में यह पहला मौका है जब आज़ादी के इस पर्व को इतनी पाबंदियों के बीच मनाया जा रहा है। ये आज़ादी
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- अभिनव 'अभिन्न'
- August 5, 2020
ये वनवास बहुत लंबा था
लोकाभिरामं रनरङ्गधीरं राजीवनेत्रं रघुवंशनाथम्।कारुण्यरूपं करुणाकरंतं श्रीरामचंद्रं शरणं प्रपद्ये ॥अर्थ : मैं सम्पूर्ण लोकों में सुन्दर तथा रणक्रीडामें धीर, कमलनेत्र, रघुवंश नायक, करुणाकी मूर्ति और करुणाके भण्डार रुपी श्रीराम की शरण में हूं। द्वार पै बन के
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- अभिनव 'अभिन्न'
- August 3, 2020
रक्षाबंधन : दर्पण में परंपराओं के प्रतिबिंब दिखाता पर्व
भारतीय परंपराओं में पर्वों का बड़ा महत्वपूर्ण स्थान है। प्रत्येक पर्व के पीछे कोई न कोई उद्देश्य, कोई कारण है। हमारी पर्व परंपरा मुख्य रूप से प्रकृति आधारित है। सनातन धर्म का प्रत्येक पर्व किसी न